श्रद्धांजलिः BSF की नौकरी छोड़ ‘भीम’ बने प्रवीण कुमार ने एशियन गेम्स में जीता था गोल्ड
TISMedia@Kota अभी तक देशवासी स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के निधन की खबर से उबरे भी नहीं थे कि फिल्मी जगत से भी एक बुरी खबर आ गई। कालजयी धारावाहिक महाभारत में भीम के किरदार को जीवंत करने वाले 74 वर्षीय प्रवीण कुमार सोबती का निधन हो गया है।
प्रवीण कुमार पंजाब के रहने वाले थे। ऐक्टिंग और स्पॉर्ट्स के अलावा उन्होंने राजनीति में भी अपनी किस्मत आजमाई। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बीएसएफ में बतौर सैनिक की थी। 20 साल की उम्र में प्रवीण कुमार ने बीएसएफ जॉइन की और यहीं पर अफसरों की नजर उनकी खेल प्रतिभा पर पड़ी। अंतरराष्ट्रीय एथलीट रहे “भीम” 1960 और 1970 के दशक में भारतीय एथलेटिक्स के प्रमुख सितारे थे। उन्होंने कई वर्षों तक भारतीय हथौड़ा और चक्का फेंक खेलों पर अपना दबदबा कायम रखा। साल 1966 और 1970 के एशियाई खेलों में चक्का फेंक में स्वर्ण पदक जीते। एशियाई खेलों का रिकॉर्ड 56.76 मीटर था। वह 1966 में किंग्स्टन में हुए राष्ट्रमंडल खेलों और 1974 में तेहरान में हुए एशियाई खेलों में रजत पदक विजेता थे। उन्होंने 1968 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक और 1972 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भाग लिया। साल 1967 में प्रवीण कुमार को ‘अर्जुन अवॉर्ड’ से नवाजा गया था।
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1982 में फिल्मों में एंट्री, 50 से ज्यादा फिल्में
प्रवीण कुमार ने ऐक्टिंग की दुनिया में 1982 में आई फिल्म ‘रक्षा’ से एंट्री की थी। यह जेम्स बॉन्ड स्टाइल की फिल्म थी। जिसमें जितेंद्र लीड रोल में थे। इसके बाद वह जितेंद्र की ही फिल्म ‘मेरी आवाज सुनो’ में नजर आए। प्रवीण कुमार ने 50 से ज्यादा फिल्में कीं, लेकिन उन्हें स्टारडम और पॉप्युलैरिटी ‘महाभारत’ के ‘भीम’ बनकर मिली।
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बायचांस मिली थी पहली फिल्म
एक साक्षात्कार में प्रवीण कुमार ने बताया था कि उन्हें ऐक्टिंग का मौका बाय चांस मिला था। वह तो अपने गेम्स की तैयारी कर रहे थे। प्रवीण ने कहा था, ‘यह मात्र एक संयोग था कि एक फिल्ममेकर ने मुझे फिल्म का ऑफर दिया। मैंने सोचा कि मुझे यह स्वीकार कर लेना चाहिए क्योंकि लाइमलाइट में रहने का एक यही मौका है। इस फिल्म को करने के बाद मेरे एक दोस्त ने बताया कि बीआर चोपड़ा ‘महाभारत’ बना रहे हैं। उसमें भीम के कैरेक्टर के लिए उन्हें हीरो की तलाश है। बस मुझे यह मौका मिल गया।’ भीम के रोल के बाद प्रवीण कुमार को हिंदी और अन्य रीजनल फिल्मों के ढेरों ऑफर आने लगे, लेकिन उन्होंने राजनीति में करियर बनाने के चक्कर में कम फिल्में करनी शुरू कर दीं। 2013 में उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा, पर हार गए। 2014 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे।
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लंबे वक्त से थे बीमार
पिछले साल प्रवीण कुमार तब चर्चा में आए जब दिसंबर 2021 में ऐसी खबरें आईं कि वह पाई-पाई को मोहताज हो गए हैं। लेकिन प्रवीण ने इन खबरों को बकवास बताया। हालांकि उन्होंने यह जरूर बताया था कि वह काफी समय से घर में ही हैं। तबीयत ठीक नहीं रहती है और खाने में भी कई तरह के परहेज हैं। प्रवीण कुमार का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ। उनके एक रिश्तेदार ने बताया कि प्रवीण को बेचैनी हो रही थी, इसलिए डॉक्टर को घर बुलाया गया। लेकिन रात 10 से 10:30 के बीच में उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और वह चल बसे। प्रवीण के परिवार में उनकी पत्नी , एक बेटी, दो छोटे भाई और एक बहन बची हैं।