बर्ड फ्लू से हाड़ौती में 1975 पक्षियों की मौत, विधानसभा में गूंजा मामला

TISMedia@Kota. कोरोना वायरस का असर भले ही कम हो गया हो लेकिन कौओं की शक्ल में एक ओर वायरस राजस्थान को चपेट में लिए हुए है। इस वायरस का शिकार बेजुबान पक्षी हुए हैं। इसका भयानक रूप कोटा संभाग के 4 जिलों में देखने को मिला। यहां 64 दिन में ही 1975 पक्षियों की अकाल मौत हो चुकी है। इसमें सबसे ज्यादा 688 पक्षियों की मौत कोटा जिले में हुई है। जबकि, झालावाड़ में 609, बारां में 443 और सबसे कम बूंदी में 235 पक्षियों की मौत हुई है। यह आंकड़ा 25 दिसम्बर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक का है।

कोटा दक्षिण से भाजपा विधायक संदीप शर्मा ने बुधवार को विधानसभा सदन में तारांकित प्रश्न के जरिए कोटा संभाग में बर्ड फ्लू से पक्षियों की मौत का मामला उठाया। प्रश्नकाल में विधायक शर्मा ने सरकार से प्रश्न किया कि 25 दिसम्बर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक बर्ड फ्लू से हाड़ौती में कितने पक्षियों की मौत हुई है?, इस पर सरकार ने उत्तर दिया कि संभाग के चारों जिलों में 1975 पक्षियों की मौत हुई है।

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पढि़ए विधायक संदीप शर्मा के सवाल और सरकार के जवाब…

प्रश्न : प्रदेश के कोटा संभाग में बर्ड फ्लू के कारण कितने पक्षियों की मौत हुई है ?
जवाब : संभाग के कोटा, बूंदी, बारां व झालावाड़ में 25 दिसम्बर 2020 से 28 फरवरी 2021 तक 1975 पक्षियों की मौत हुई है।

प्रश्न : पक्षियों में बीमारी फैलने का क्या कारण है?
जवाब : राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल से मिली रिपोर्ट के अनुसार हाड़ौती में पक्षियों में बीमारी फैलने का मुख्य कारण एवियन इंफ्लूएंजा वायरस रहा है।

प्रश्न: पक्षियों में बीमारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा अब तक क्या प्रयास किए गए हैं?
जवाब : एवियन इन्फ्लूएंजा रोग के कुक्कुट व्यवसाय पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों को देखते हुए 30 दिसम्बर 2020 को समस्त जिलों के पशुपालन विभाग, वन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियेां को सतर्कता बरतने के लिए केंद्र सरकार से जारी निर्देशों को प्रसारित किया।
-मुर्गी पालकों से संबंधित विभागों का निरंतर संवाद जारी है। साथ ही रोग प्रकोप से बचाव के लिए सर्वेलेंस जारी है। वहीं, मृत पक्षियों के संक्रमण क्षेत्र में निगरानी रखे हुए हैं।
-राज्य स्तरीय कंट्रोल रूम, राज्य रोग निदान केंद्र जयपुर में संचालित किए जा रहे हैं। सभी जिला स्तर पर एवियन इन्फ्लूएंजा रोकथाम के लिए विभागीय नोडल अधिकारी भी लगा रखे हैं। विभागीय स्तर पर प्रदेशभर में पक्षियों की असमान्य मृत्यु की प्रतिदिन मॉनिटरिंग की जा रही है। वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है।

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प्रश्न: क्या यह सही है कि उक्त बीमारी से ग्रसित और मृत पक्षियों के सैम्पल प्रदेश से बाहर भेजा जा रहा है ?

जवाब : जी हां, वर्तमान में बर्ड फ्लू से मृत पक्षियों की जांच के लिए प्रदेश में किसी भी पशु रोग निदान प्रयोगशाला में जांच की सुविधा नहीं है। इस कारण मृत पक्षियों के सैम्पल प्रदेश से बाहर भोपाल भेजे जा रहा हैं।क्योंकि, राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को ही भारत सरकार ने इस रोग की जांच के लिए अधिकृत किया हुआ है।

प्रश्न: क्या सरकार प्रदेश में वेटेनरी आरटी पीसीआर लैब खोलने का विचार रखती है ? यदि हां, तो कब तक ?
जवाब : जी हां, राज्य सरकार एवियन इनफ्लूएंजा की जांच के लिए प्रदेश में लैब स्थापित करने का विचार रखती है। इसके लिए 28 जनवरी को भारत सरकार को प्रस्ताव भी भिजवाए जा चुके हैं। वेटेनरी आरटी पीसीआर लैब, भारत सरकार से स्वीकृति एवं वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार स्थापित की जाती है।

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