VIDEO: चौतरफा विरोध के बाद बैकफुट पर आए दिलावर : बोले-कृषि कानून का विरोध करने वाले किसानों के दुश्मन
TISMedia@Kota. किसान आंदोलन को लेकर दिए बयान के बाद चौतरफा विरोध से घिरे भाजपा विधायक व प्रदेश महामंत्री मदन दिलावर आखिरकार बैकपुट पर आ ही गए। उन्होंने वीडियो जारी बयान पर अपनी सफाई दी। उन्होंने कहा कि किसानों के दुश्मन उनके बयान को तोड़मरोड़ कर पेश कर रहे हैं। तथाकथित किसानों से मेरा मतलब उन लोगों से था जो किसान नहीं हैं और किसानों के बीच रहकर किसान होने का ढोंग कर रहे हैं। वही लोग आंदोलन करके कृषि कानून का विरोध कर रहे हैं। जबकि, कृषि कानून किसानों के हित में हैं। यह कानून किसानों को अपने माल बेचने की आजादी देता है। आंदोलन में कुछ लोग मोदी विरोधी हैं। वो लोग किसानों को बरगलाकर इस प्रकार का आंदोलन कर रहे हैं।
Read More : घूसकांड : निलंबित IAS इंद्रसिंह राव व पीए महावीर ने कोर्ट में वॉइस सैंपल देने से किया इंकार
गौरतलब है कि 9 जनवरी को मदन दिलावर ने किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया था। इसमें उन्होंने कहा था कि तथाकथित किसान आंदोलन में पिकनिक मना रहे हैं। चिकन बिरयानी व काजू बादाम खा रहे हैं। तथाकथित किसानों को देश की चिंता नहीं हैं। इन्हें देश की चिंता नहीं है बल्कि ऐशो आराम में डूबे हुए हैं और देश में बर्ड फ्लू फैलाने का षड्यंत्र रच रहे हैं।
Read More : दिनदहाड़े घर में घुसकर एसडीएम की बहन की नृशंस हत्या, हाथ-पैर बांध रेलिंग पर लटकाई लाश
कांग्रेस ने खोला दिलावर के खिलाफ मोर्चा
दिलावर के बयान के बाद सियासत गरमा गई थी। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित अन्य प्रदेशस्तरीय नेताओं ने भी दिलावर के बयान पर विरोध जताया था। वहीं, कोटा में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिलावर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। रविवार को कांग्रेस शहर अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी की अगुवाई में कार्यकर्ताओं ने मदन दिलावर के घर के बाहर प्रदर्शन कर पुतला जलाया था। साथ ही बयान पर माफी नहीं मांगने पर उनका घर से बाहर निकलना तक बंद कर देने की चेतावनी दे डाली थी।
Viral Video : लड़की छेडऩा मनचलों को पड़ा भारी, युवती ने बरसाए थप्पड़ तो लोगों ने लात-घूसों से जमकर धोया
किसान भी उतरे विरोध में
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले कलक्ट्री पर प्रदर्शन किया था। किसानों ने दिलावर का पुतला दहन कर विरोध जताया था। समिति पदाधिकारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व केंद्रीय नेतृत्व से किसानों के खिलाफ विवादित बयान देने वाले विधायक की सदस्यता समाप्त करने की मांग की थी।