भाजपा विधायक का आरोप : मौत के आंकड़े छिपाकर जनता को धोखा दे रही गहलोत सरकार
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कोटा. कोरोना काल में चरमराई चिकित्सा व्यवस्था से खफा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा ने राज्य सरकार को जमकर कोसा। उन्होंने गहलोत सरकार पर केंद्र सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाया है। शर्मा का कहना है, शहरवासी कोरोना का डटकर मुकाबला कर रहे हैं लेकिन चिकित्सा अव्यवस्था हौंसले तोड़ रही है। अस्पताल से लेकर मुक्तिधाम तक लूट-खसोट चल रही है। प्राइवेट अस्पताल इलाज के नाम पर लाखों रुपए ऐंठ रहे हैं तो मुक्तिधाम तक शव पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस चालक गिद्दों की तरह मानवीय संवेदनाएं नोच रहे हैं। सरकार की दम तोड़ती चिकित्सा व्यवस्था ही मुनाफाखोरों के लिए आपदा अवसर में तब्दील हो गई है।
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1500 में से अधिकतर वेंटिलेटर खराब
कोटा. विधायक संदीप ने कहा कि राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए केंद्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि पीएम केयर फंड से लगभग 60 करोड़ की लागत से राजस्थान में 1500 वेंटीलेटर उपलब्ध करवाए गए थे लेकिन सरकार की लापरवाही व अनदेखी के कारण बडी संख्या में वेंटीलेटर बेकार पड़े है। हालात यह है कि इन वेंटिलेटरों को चालू करने के लिए स्टाफ तक की नियुक्त नहीं किए हैं। जिन वेंटिलेटर से मरीज की जान बच सकती थी उन्हें गहलोत सरकार ने किराए पर दे दिया। जबकि, निजी अस्पताल इलाज के नाम पर प्रतिदिन 50 हजार रुपए वसूल रहे हैं।
झूठे आंकड़े दिखाकर जनता को भ्रमित कर रही सरकार
विधायक शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार कोरोना के संक्रमित व मौतों के आंकड़े छिपा रही है। झूठे आंकड़े पेश कर जनता को भ्रमित कर रही है। सेम्पलिंग की संख्या घटाकर प्रदेशवासियों को धोखा दिया जा रहा है। राज्य में 4 मई को सबसे ज्यादा 99418 सेम्पल की जांच करवाई थी, तब 16974 लोग कोरोना पॉजिटिव मिले थे। लेकिन, एक सप्ताह बाद 11 मई तक सेम्पलिंग घटकर 84 हजार से कम हो गई। ऐसे में पॉजिटिव रेट भी कम हो गई। उन्होंने कहा कि 10 मई के आकड़ों के अनुसार राजस्थान के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाकर 435 मीट्रिक टन कर दिया गया है। ऑक्सीजन एक्सप्रेस से कोटा में ऑक्सीजन के टैंकर भिजवाए गए। इसके बावजूद सरकार कह रही है कि केंद्र सरकार पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं दे रही। असल में राज्य सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए केन्द्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।
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जमकर हो रही कालाबाजारी
ऑक्सीजन से लेकर जीवन रक्षक माने जाने वाले रेमडेसिवीर की कालाबाजारी हो रही है। अति आवश्यक दवाइयां व अन्य चीजों की किल्लत से मरीज व तीमारदार बेहाल हैं। सरकारी अस्पतालों में न तो पर्याप्त ऑक्सीजन है और न ही संसाधन। ऐसे में परिजन मरीज को लेकर दर-दर भटक रहे हैं। हालात यह हो गए कि शहर में एक भी ऐसा घर-आंगन न बचा जहां मौत ने कोहराम न मचाया हो। शर्मा ने चिकित्सा मंत्री व स्थानीय मंत्री को टूटती सांसों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। विधायक शर्मा ने कहा कि संकट की घड़ी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजनीति करने के बजाए एकजुटता से लोगों की मदद करें। केन्द्र सरकार द्वारा उपलब्ध करवाए गए संसाधनों का सही उपयोग करें और वेंटिलेंटर्स को चालू करवाएं और दवाइयां व चिकित्सा उपकरणों की कालाबाजारी पर अंकुश लगाने के लिए सख्त कदम उठाएं।
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हाड़ौती के सबसे बड़े अस्पतालों में न ऑक्सीजन है और न ही बेड
विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि न्यू मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल हाड़ौती का सबसे बड़ा अस्पताल है। जहां संभाग के चारों जिलों से बड़ी तादात में लोग इलाज के लिए आते हैं। लेकिन, सरकार की बद इंतजामी से हाहाकार मचा हुआ है। चिकित्सा व्यवस्था वेंटिलेटर पर है। यहां न तो पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था है और न ही बेड की। ऐसे ही हालात एमबीएस, जिला अस्पताल सहित अन्य कोविड अस्पतालों के हैं। जबकि, लोगों का जीवन बचाना सरकार की जिम्मेदारी है।