कलक्टर से लेकर कोतवाल तक की एसीबी ने बनाई ‘रेल’, 51 भ्रष्ट अफसरों को भेजा ‘जेल’
कोटा. सरकार से मोटी तनख्वाह लेने के बावजूद कई अफसर व कर्मचारी घूस लेने से बाज नहीं आ रहे। फाइल पर वजन रखे बिना कोई काम ही नहीं होता। सुुविधा शुल्क मिलते ही काम जल्दी हो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि यह ऊपरी स्तर पर ही है, बल्कि निचले स्तर पर भी भ्रष्टाचार की जड़ें काफी गहराई हुई है। कोटा जिले में कई घूसखोर रंगेहाथ पकड़े जा चुके हैं। इसके बावजूद रिश्वत के बिना काम नहीं होने की शिकायतें मिलती हैं। भ्रष्टाचार की कहानी कोई नई नहीं है। एसीबी से बचने के लिए घूस लेने के तरीके भी बदले। किसी न किसी रूप में अधिकारी-कर्मचारी अपनी जेब भरने में लगे रहे।
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वर्ष 2020 में एसीबी की अलग-अलग टीमों ने कोटा संभाग में 56 कार्रवाई की है। इसमें 51 मामलों में घूसखोरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। जबकि, पद के दुरुपयोग के 4 मामले और आय से अधिक सम्पति के 1 मामले में कार्रवाई की है। एसीबी की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भ्रष्ट अधिकारियों में खौफ बैठ गया है। साल के आखिरी दिन गुरुवार को कोटा एसीबी ने पत्रकारों से चर्चा कर सालभर की उपलब्धियां गिनाई। इनमें कुछ मामले प्रमुख हैं।
एसीबी की 10 बड़ी कार्रवाई
1. चंबल घडिय़ाल क्षेत्र में परिवादी को रेत से भरी ट्रोली जब्त कर छोडऩे की एवज में 4000 हजार की रिश्वत लेते वृक्षपालक दिनेश सिंह व वन रक्षक मुकेश चंद को रंगे हाथ गिरफ्तार किया। इसका परिणाम यह आया कि बजरी के अवैध खनन पर रोक लगी। करीब 40 साल बाद अभयारण्य क्षेत्र में घड़ियालों की आबादी में बढ़ोतरी हुई।
2. सहरिया विकास छात्रावास में बालिकाओं के पोषाहार के बिल पास करने की एवज में परिवादी से 25 हजार की रिश्वत लेते अध्यापक अशोक शर्मा को दबोचा।
3. आधार कियोस्क खोलने के आवेदनों की स्वीकृति जारी करने की एवज में यूआईडीएआई दिल्ली के सहायक महानिदेशक पंकज गोयल व हेमराज तंवर को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया।
4. रतनपुर चेक पोस्ट पर वाहनों की निकासी की एवज में ट्रक चालक से 500 रुपए रिश्वत लेते जिला परिवहन अधिकारी कर संग्रहण कार्यालय के उप निरीक्षक छगन मेघवाल को पकड़ा।
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5. पेट्रोल पम्प की एनओसी की एवज में 1 लाख 40 हजार की रिश्वत मांगते वाले बारां के तत्कालीन कलेक्टर के पीए महावीर प्रसाद को गिरफ्तार किया। साथ ही तत्कालीन कलेक्टर इंद्र सिंह राव को भी गिरफ्तार किया।
6. बूंदी जिले के देई थाने की एसएचओ (उप निरीक्षक) मुकेशी बाई मीणा को ट्रैक्टर छोडऩे की एवज में 15 हजार की रिश्वत लेते दबोचा।
7. रामगंजमंडी नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी पंकज मंगल व सौरभ शर्मा को परिवादी अखिलेश से भूखण्ड निर्माण की स्वीकृति जारी करने की एवज में एक लाख रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया। कार्रवाई के दौरान आरोपी मंगल ने रिश्वत के एक लाख रुपए जलाने का प्रयास किया। लेकिन, एसीबी टीम ने सतर्कता बरतते हुए रिश्वत राशि को पूरी तरह जलने से बचा लिया और सबूत के तौर पर जब्त की।
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8. अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. ओमप्रकाश मालव व दलाल को 5000 रुपए रिश्वत लेते दबोचा।
9. बारां जिले में आरोपी हरिप्रकाश लंबे समय से केलवाड़ा में नायब तहसीलदार के पद पर कार्यरत था। उसके पास शाहबाद तहसीलदार का अतिरिक्त कार्यभार था। आरोपी हरिप्रकाश को परिवादी किसान से जमीन सीमाज्ञान करवाने की एवज में 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे पकड़ा।
10. झालरापाटन नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी सुमेर सिंह को झालरापाटन बस स्टैण्ड पर 1 लाख 36 हजार 910 रुपए के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोपी ने यह राशि अवैध रूप से अर्जित की थी। वह इन रुपयों को लेकर अपने गांव चिड़ावा जा रहा था। तभी, एसीबी ने आरोपी को दबोचा।
वर्ष 2020 में की गई कार्रवाई
कोटा शहर -16
स्पेशल यूनिट – 2
कोटा देहात -5
बूंदी – 6
बारां -13
झालावाड़ -9
एसपी अनिल ने बताया कि प्रदेशभर में हुई एसीबी की स्पेशल कार्रवाई में कोटा एसीबी की टीम शामिल रहती है। लोगों भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक हुए हैं। लोग शिकायत के लिए आने लगे हैं, इसलिए कार्रवाई भी ज्यादा हुई है।