दिल्ली की सीमा पर डटे किसानों के समर्थन में धरने पर बैठे कोटा के किसान, बोले-आंधी आए या तुफान जारी रहेगा आंदोलन
– सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत लेकिन कृषि कानून रद्द करने की मांग पर अड़े
TISMedia@Kota. कृषि कानून के खिलाफ कोटा में किसानों का धरना 30 वें दिन भी जारी रहा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले किसान कलक्ट्री के बाहर मंगलवार को भी धरने पर बैठे रहे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीन कृषि कानून के अमल पर रोक लगाने के निर्णय का किसानों ने स्वागत किया। लेकिन, कृषि कानून खारिज नहीं होने से संतुष्ठ नजर नहीं आए। किसान संगठन के नेताओं का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से कोटा में किसान संगठन पूरी तरह सन्तुष्ट नहीं है। यह कानून पूरी तरह से खारिज होना चाहिए।
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किसान नेता अब्दुल हमीद ने बताया कि कानूनों को लेकर किसान संगठन कोर्ट में नहीं गया। केंद्र सरकार कोर्ट में गई थी। जब तक तीनों कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाएगा। तब तक किसान सन्तुष्ट नहीं होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में 500 किसान संगठनों से जैसा निर्देश मिलेगा वैसा ही आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। कृषि कानून वापस नहीं लेने तक आंदोलन जारी रहेगा। गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। किसान संगठन कृषि कानून को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं, तो केंद्र सरकार भी ठस से मस नहीं हुई। हालांकि सरकार से कई बार इस मसले पर बातचीत हो चुकी है। लेकिन, इसके बाद भी कोई सकारात्मक निर्णय नहीं हो सका है।
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ऐसे में तीनों कृषि कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कानूनों पर रोक लगाई, साथ ही एक कमेटी का गठन कर दिया है। जो कि सरकार और किसानों के बीच कानूनों पर जारी विवाद को समझेगी और सर्वोच्च अदालत को रिपोर्ट सौंपेगी। केंद्र सरकार ने जिन तीन कृषि कानूनों को पास किया, उसका लंबे वक्त से विरोध हो रहा था। दिल्ली की सीमाओं पर हजारों की संख्या में किसान आंदोलन कर रहे हैं, इसी के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के पास जा पहुंचा।