कैबिनेट मंत्री भंवरलाल मेघवाल का निधन, मंगलवार को राजस्थान में राजकीय शोक, रहेगी छुट्टी
कोटा. राजस्थान के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल का लंबी बीमारी के बाद सोमवार को निधन हो गया। चुरू की जिला प्रमुख उनकी बेटी डॉ. बनारसी मेघवाल का निधन भी बीते 29 अक्टूबर को ही हुआ है। 72 वर्षीय मेघवाल ने गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में अंतिम सांस ली।
राजस्थान के कैबिनेट मंत्री भंवरलाल मेघवाल का जन्म चुरू जिले के सुजानगढ़ उपखंड के गांव बाघसर पूर्वी में 02 जुलाई 1948 को हुआ था। 15 मई 1965 उनकी शादी केसर देवी से हुई। मेघवाल के एक बेटा और दो बेटियां थी। जिनमें से एक बेटी डॉ. बनारसी मेघवाल चुरू की जिला प्रमुख भी रहीं। डॉ. बनारसी का देहांत हाल ही में 29 अक्टूबर को जयपुर जाते समय अचानक रास्ते में हो गया था।
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सरकारी स्कूल में थे पीटीआई
भंवरलाल मेघवाल ने अपने करियर की शुरुआत सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षक (पीटीआई) के तौर पर की थी। शिक्षक होने की वजह से ही उन्हें मास्टर भंवरलाल कहा जाने लगा। मास्टर मेघवाल ने 1977 में सुजानगढ़ के सरकारी स्कूल से इस्तीफा देकर पहला चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। हालांकि इसके बाद अपने 41 साल के सक्रिय राजनीतिक जीवन में वह सुजानगढ़ विधानसभा सीट से एक बार निर्दलीय और चार बार कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते। पहली जीत 1980 के चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी मिली। उनके साथ एक अजब संयोग भी जुड़ा हुआ था कि वह एक विधानसभा चुनाव हारते और एक चुनाव जीतते।
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राजकीय अवकाश की घोषणा
मास्टर मेघवाल के निधन के बाद राजस्थान में शोक की लहर दौड़ गई। मेघवाल को राजस्थान का दिग्गज दलित नेता माना जाता था। उनके देहांत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को राजस्थान में राजकीय शोक की घोषणा की है। दिवंगत मेघवाल के सम्मान में सभी सरकारी और गैर सरकारी भवनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। इसके साथ ही सभी राजकीय कार्यालयों में 17 नवंबर का अवकाश रहेगा।