कोटा के परकोटे का फिर लौटेगा राजसी वैभव, यूडीएच मंत्री ने किया ऐलान

कोटा. हम कोटा के प्राचीन स्वरूप से शहरवासी व सैलानियों को रूबरू करवाएंगे, ताकि लोग कोटा के गौरवशाली इतिहास को करीब से जान सके। प्राचीन कोटा की खूबसूरती को संरक्षित कर निखारा जाएगा और ऐतिहासिक दरवाजे वैभवशाली इतिहास की गवाही देंगे। यह बात सोमवार को यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ( UDH minister Shanti Dhariwal ) ने लाडपुरा, पाटनपोल, किशोरपुरा और सूरजपोल के रियासतकालीन पांचों दरवाजों के निरीक्षण के दौरान कही।

Read More: धारीवाल की हिदायत: नहीं होंगे गलत काम, चाहे मेरा ‘बेटा-बहू’ ही क्यों न कहे

उन्होंने कहा कि परकोटा क्षेत्र व इसमें मौजूद विरासतकालीन पांचों दरवाजे आकर्षक बने इसके लिए डीपीआर तैयार की जा रही है। जिसके अनुसार कार्य करने के लिए यूआईटी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि कोटा का परकोटा देश ही नही दुनिया में भी अपनी अलग पहचान रखता है। इन दरवाजों को पुराने रंग में वापस लाया जाएगा और मौजूदा हालात में ही इन्हें हेरिटेज लुक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रियासतकालीन दीवार के आसपास हो रहे अतिक्रमण भी हटाए जाएंगे।

Read More: इमरान हत्याकांड का पर्दाफाश: हत्यारा बोला-पैसे देने से मुकरा तो उतारा मौत के घाट

धार्मिक टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कोटा में चंबल रिवर फ्रंट, ( Chambal River Front ) साइंस पार्क      ( Science Park ) जैसे प्रोजेक्ट जब पूरे होंगे तो यहां सैलानियों की भीड़ रहेगी। ऐसे में सैलानी शहर के भीतरी इलाको में घूूमने आएंगे तो ऐतिहासिक दरवाजे कोटा के गौरवशाली इतिहास को बयां करेंगे। वहीं, पुराने कोटा में मौजूद ऐतिहासिक मंदिरों पर दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को भी यह ऐतिहासिक दरवाजें अपनी ओर आकर्षित करेंगे।

Read More: कोटा पुलिस ने किया नकबजनी गैंग का पर्दाफाश: पलक झपकते ही उड़ा ले गए 16.83 लाख

लाखों लोग देख चुके कोटा का सेंवन वंडर

कोचिंग नगरी को पर्यटन नगरी के रूप में पहचान मिले इसके लिए राजस्थान सरकार टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है। सेवन वंडर पार्क को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं । देशभर से कोंचिग के लिए आने वालें विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों के लिए कोटा में पयर्टन स्थल आकर्षण का केन्द्र रहा है। मंत्री धारीवाल ने बताया कि नववर्ष के फरवरी-मार्च माह से पांचों दरवाजों के संरक्षण और जीर्णोंद्धार कार्य शुरू हो जाएंगे। इसकी डीपीआर तैयार हो चुकी है और वर्ष 2022 तक यह प्रोजेक्ट पूरा होकर कोटा के गौरवशाली इतिहास की कहानी बयां करेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!