निगम की बोर्ड बैठक में हंगामा : भाजपा पार्षदों ने किया बहिष्कार, बोले- महापौर के पास नहीं शक्तियां

कोटा. दक्षिण नगर निगम की पहली बोर्ड बैठक शुक्रवार को हंगामे की भेंट चढ़ गई। भाजपा पार्षदों ने नियम विरूद्ध कार्य करने का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। पार्षदों का आरोप था कि बोर्ड ने अभी तक महापौर को बोर्ड संचालन की शक्तियां नहीं दी है, फिर भी महापौर एक डेढ़ महीने से काम कर रहे हैं। पहले मुख्य एजेंडे के अनुसार काम होना चाहिए। पार्षद विवेक राजवंशी का कहना है कि नगर पालिका एक्ट के तहत हम महापौर को शक्तियां देना चाहते हैं, लेकिन महापौर लेना ही नहीं चाहते। निगम में ऐसे अधिकारी लगा रखे हैं, जिन्हें एक्ट के बारे में कुछ पता ही नहीं है। बिना शक्तियों के महापौर कोई भी काम नहीं कर सकता।

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उन्होंने आरोप लगाया कि स्वागत व परिचय के लिए बैठक बुलाने में दो माह का समय लग गया। जबकि, हकीकत यह है कि यह बैठक बुलाना इनकी मजबूरी थी क्योंकि, इस अवधि में बैठक नहीं होती है तो बोर्ड भंग हो जाता है। उन्होंने कहा कि महापौर से बात कर रहे थे तो कांगे्रस पार्षद बीच-बीच में चिल्ला रहे थे। हमें बोलने ही नहीं दिया जा रहा था। एजेंडे के अनुसार काम नहीं होने पर सभी बीजेपी पार्षदों ने सदन से वॉक आउट किया। बात दें, निगम द्वारा जारी की गई बैठक सूचना में पहले स्वागत, परिचय, पार्षदों का उद्बोधन , सामान्य विषयों पर चर्चा व सबसे अंत में महापौर का उद्बोधन था।

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उप महापौर व भाजपा पार्षद में बहस
सदन से वॉक आउट के दौरान बीजेपी पार्षद गोपालराम मण्डा व उप महापौर पवन मीणा के बीच तीखीं बहस हुई। बिना परिचय दिए सदन से बाहर जाने पर उप महापौर ने भाजपा पार्षदों पर जुबानी हमला बोला। जिसका मण्डा ने जवाब दिया। बैठक के दौरान भाजपा के नव निर्वाचित पार्षद केसरिया दुपट्टा पहने नजर आए। महिला पार्षदों ने भी गले मे केसरिया दुपट्टा पहन रखा था।

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कांग्रेस पार्षदों ने की अधिकारियों की खिंचाई
बीजेपी पार्षदों के सदन से वॉक आउट करने के बाद कांग्रेस पार्षद की मौजूदगी में आगे की कार्यवाही हुई। कांग्रेस पार्षदों ने साफ- सफाई व वार्ड में लेबर लगाने के मुद्दे पर अधिकारियों की खिंचाई की।

महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि जिस दिन पद की शपथ ली जाती है उसी दिन महापौर को तमाम शक्तियां मिल जाती है। वहीं, पहली बैठक स्वागत, परिचय, सामान्य विषयों पर चर्चा के लिए ही होती है। यह बैठक दो माह में कभी भी कर सकते हैं। इससे पहले भी निगम बैठक ऐसे ही हुई है।

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