यूआईटी: कोटा में कट गईं 491 अवैध कॉलोनियां, कार्यवाही को दौड़ा जाप्ता
- यूआईटी के सर्वे में हुआ कोटा शहर की अवैध कॉलोनियों का खुलासा
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– दबंगों ने सरकारी जमीन पर भी काट डाली अवैध कॉलोनियां
कोटा. नगर निकास न्यास (यूआईटी) की नाक के नीचे कोटा में अवैध कॉलोनियों का जाल बिछ गया। अफसरों की जब नींद टूटी तब तक कोटा शहर और उसके आसपास एक दो नहीं बल्कि 491 अवैध कॉलोनियां खड़ी हो गईं। दबंगई का आलम यह है कि कॉलोनाइजरों ने सरकारी जमीन भी नहीं छोड़ी। अब यूआईटी के अफसर अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए दौड़ लगा रहे हैं।
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कोटा शहर और आसपास के इलाके में अवैध कॉलोनियां काटने का खेल सालों से चल रहा था। यूआईटी के अफसरों की मिली भगत से कार्यवाही करना तो दूर अवैध कॉलोनियां काटने वाले कॉलोनाइजर के नाम तक सामने नहीं आ पाते थे। लेकिन, हद तो तब हो गई जब कॉलोनाइजरों के हौसले इतने बढ़ गए कि उन्होंने यूआईटी की जमीन पर भी अवैध कॉलोनियां काटकर लोगों को बेचना शुरू कर दिया। कॉलोनाइजरों के चंगुल में फंसे लोगों ने जब सरकार से गुहार लगाई तब जाकर यूआईटी के अफसरों की नींद टूटी।
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सर्वे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
शिकायतों का अंबार लगने के बाद सरकार ने जब यूआईटी के अफसरों से रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने पहले तो आनाकानी की, लेकिन मामला जब विधानसभा में उठा तो अवैध कॉलोनियां चिन्हित करने के लिए यूआईटी ने सर्वे करवाया। जिसमें एक दो नहीं बल्कि 491 अवैध कॉलोनियां सामने आईं। कई कॉलोनियां तो सरकारी जमीन पर ही काट डाली गई थी। जिसमें से काफी जमीन तो खुद यूआईटी की ही थी।
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शुरू हुई कार्यवाही
अवैध कॉलोनियों को चिन्हित करने के बाद यूआईटी ने शनिवार को इनके खिलाफ कार्यवाही शुरू की। यूआईटी के पुलिस निरीक्षक आशीष भार्गव ने बताया कि कैथून रोड पर प्रतिभा रेजिडेंसी, विकास नगर, केशव नगर, भागीरथ विहार फर्स्ट, विष्णुधाम और इमानुअल स्कूल के पीछे काटी जा रही अवैध कॉलोनियों के खिलाफ पहले दिन कार्यवाही की गई है। यूआईटी के जाप्ते ने निर्माण कार्य ध्वस्त कर वहां कॉलोनी के अवैध होने का बोर्ड लगाया और खंभों व तारों की बैरिकेडिंग भी करवाई है। यूआईटी के उपसचिव चंदन दुबे, मोहम्मद ताहिर, कानूनगो शैलेंद्र जायसवाल, रामदयाल मीणा, कपिल कुमार सोनी, पटवारी संजय मीणा, हरीश प्रजापति और न्यास का अतिक्रमण निरोधक दस्ता सुबह से ही इस कार्यवाही में जुटा रहा।
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दो के खिलाफ दर्ज कराया मुकदमा
यूआईटी का दस्ता शनिवार सुबह जब चंद्रेसल पहुंचा तो वहां का हाल देखकर भौंचक रह गया। चंद्रेसल स्थित न्यास की जमीन पर आशीष यादव ने अतिक्रमण कर कॉलोनी ही काट दी। जाप्ते ने पहले अतिक्रमण हटाया और फिर वहां यूआईटी की संपत्ति होने का बोर्ड लगाया। हालांकि जब कागजात खंगाले गए तो पता चला कि इससे पहले भी आशीष उस जमीन पर कब्जा कर चुका था। जिसे यूआईटी ने खाली करवाया, लेकिन इस बार तो उसने कॉलोनी ही काट डाली। जिसके बाद यूआईटी ने बोरखेड़ा थाने में उसके खिलाफ सरकारी संपत्ति को हड़पने का मुकदमा दर्ज करवाया गया है। इसके साथ केशव धाम के नाम से कॉलोनी काट रहे कॉलोनाइनजर प्रेमदास महावर के खिलाफ भी यूआईटी ने मुकदमा दर्ज करवाया है।