नई पीढ़ की रीढ़ है दूरस्थ और डिजिटल शिक्षा: कलराज मिश्र

  • कुलाधिपति कलराज मिश्र ने की वीएमओयू के 13वां दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता
  • 31,077 उपाधियां बांटी, तीन को पीएचडी और 69 टॉपर्स को मिला गोल्ड मेडल

TISMedia@Kota. परंपरागत शिक्षा प्रणाली में अब बदलाव करने ही होंगे। कोविड-19 जैसे वायरसों के हमले ने हमें बता दिया है कि दूरस्थ और डिजिटल शिक्षा प्रणाली शिक्षा व्यवस्था की नई पीढ़ी की रीढ़ है। इस रीढ़ को अब मजबूत बनाने की जरूरत है, ताकि गांव-गांव और ढ़ांणी-ढ़ांणी बैठे गरीब एवं कमजोर तबके के बच्चों को बेहद सरल और सस्ती शिक्षा सुलभ कराई जा सके। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (VMOU) के 13वां दीक्षांत समारोह में गुरूवार 21 जनवरी को यह बात समारोह की अध्यक्षता कर रहे राजस्थान के राज्यपाल एवं विवि के कुलाधिपति कलराज मिश्र ने कही।

Watch: देखिए वीएमओयू के 13वें दीक्षांत समारोह का पूरा प्रसारण 

कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित हाड़ौती के पहले डिजिटल कन्वोकेशन को संबोधित करते हुए मिश्र ने बेटियों को पढ़ाने-लिखाने पर जोर देकर कहा कि बेटियां ही परिवारों की रीढ़ होती हैं और उनके शिक्षित होने पर परिवार और समाज में खुशहाली आएगी। राज्यपाल ने किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए विश्वविद्यालयों को कृषि आधारित पाठ्यक्रमों के संचालन पर जोर दिया।

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वीएमओयू ने किया सराहनीय काम

उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में मुक्त एवं दूरस्थ शिक्षा एक सशक्त माध्यम के रूप में उभरी है और खुला विश्वविद्यालय ने इस दौरान छात्रों के हित में काफी सराहनीय कार्य किया है। सामाजिक सरोकारों में विश्वविद्यालयों द्वारा गांवों को गोद लेकर वहां विकास कार्य कराने की पहल को भी राज्यपाल ने सराहा। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तारीफ करते हुए कहा कि इससे व्यापक वर्ग का लाभ मिल सकेगा और लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिल सकेगा। हर व्यक्ति को अपने संविधान के मूल कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना एवं मूल कर्तव्यों का वाचन भी किया।

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कौशल विकास पर देना होगा जोर

मुख्य अतिथि व भारतीय विश्वविद्यालय संघ की महासचिव डॉ पंकज मित्तल ने अपने दीक्षांत भाषण में कहा कि राज्यपाल महोदय ने विश्वविद्यालयों में भारतीय संविधान के प्रति जो संचेतना पैदा की है वह सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जन-जन की शिक्षा नीति कहा गया है और इसमें 2.5 करोड़ लोगों की सोच का परिणाम सामने लाया गया है। उन्होंने कहा कि अब पढ़ाई और कौशल विकास दोनों पर बराबर जोर देना होगा तभी रोजगार की आस पूरी हो सकेगी। डॉ मित्तल ने विदेशी विश्वविद्यालयों के भारत में आने और शोध फाउंडेशन बनाए जाने के कदम को काफी सराहनीय पहल बताया। डॉ मित्तल ने कोविड के दौरान किए गए कार्यों के एवज में खुला विश्वविद्यालय की जमकर प्रशंसा की।

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जल्द शुरू होंगे नए पाठ्यक्रम

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आरएल गोदारा ने प्रगति प्रतिवेदन पढ़ा। उन्होंने बीते दीक्षांत समारोह से अब तक की उपलब्धियों को कुलाधिपति महोदय के समक्ष रखा। प्रो गोदारा के कार्यकाल में विश्वविद्यालय की छात्रों की संख्या में खासा बढोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल महोदय की प्रेरणा से हेल्थ और फिटनेस एवेयरनेस कार्यक्रम को विश्वविद्यालय द्वारा जल्द ही शुरू किया जाएगा। प्रो गोदारा ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से विश्वविद्यालय को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग दिलाने के लिए विश्वविद्यालय के विजन को दोहराया।

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द इनसाइड स्टोरी ने किया लाइव

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के प्रबंध मंडल, आयोजना मंडल और विद्यापरिषद के सदस्यों के अलावा शिक्षक, अधिकारी व कर्मचारीगण भी मौजूद रहे। TIS Media ने दीक्षांत समारोह का यू-ट्यूब, फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित ट्विच और पीएसआईसी टीवी जैसे अंतरराष्ट्रीय मीडिया प्लेटफार्म पर सीधा प्रसारण भी किया। समारोह में सभी विद्यापीठों के निदेशक, कुलसचिव एसडी मीणा और संकाय सदस्य भी जोधपुरी परिधानों में दिखाई दिए।

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31,077 उपाधियां बांटी

समारोह में दिसंबर 2018 और जून 2019 की परीक्षाओं की उपाधियों के अलावा अगस्त 2019 से जुलाई 2020 तक की पीएचडी की उपाधियां प्रदान गईं। इनमें पीएचडी की तीन डिग्रियां, स्नातकोत्तर की 18,866, स्नातक कार्यक्रम की 8,871, पीजी डिप्लोमा की 1,307 तथा डिप्लोमा कार्यक्रमों की 2,030 उपाधियां शामिल हैं। दोनों परीक्षाओं को मिलाकर कुल 31,077 उपाधियों का वितरण गया। सभी उपाधियों में सुरक्षा के फीचर्स भी समाहित किए गए हैं जिससे उनका दुरूपयोग नहीं हो सकेगा।

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69 टॉपर्स को मिले स्वर्ण पदक

कुलाधिपति ने विभिन्न विषयों में 69 टॉपर विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक भी वर्चुअल माध्यम से प्रदान किए। उन्होंने दो छात्राओं को कुलाधिपति पदक भी प्रदान किए। परीक्षा नियंत्रक प्रो. बी. अरूण कुमार ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते किसी भी दीक्षार्थी को विश्वविद्यालय में नहीं बुलाया गया और स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सूचित कर उनसे उनकी तस्वीरें मंगाई गई थीं, जिन्हें पीपीटी के माध्यम से प्रमाण पत्रों के साथ वर्चुअल तरीके से कुलाधिपति महोदय के सामने प्रस्तुत किया गया तथा उन्होंने सभी को उपाधियां प्रदान कीं।

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यह भी जानेः-

  • तीन विद्यार्थियों को कुलाधिपति ने पीएचडी की उपाधि प्रदान की। इनमें भावना कुमावत को वाणिज्य में, राहुल देव को अर्थशास्त्र में तथा सुमेधा त्यागी को प्रबंध विषय में पीएचडी प्रदान की गई।
  • मोनिका पांडेय और मोनिका सोनी को मिला चांसलर गोल्ड मेडल
  • दिसंबर 2018 में एम.कॉम की परीक्षा में टॉपर विद्यार्थी मोनिका पांडेय और जून 2019 की एमएलआईएस की परीक्षा की टॉपर मोनिका सोनी को कुलाधिपति स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
  • मीनू और जनक को मिला करूणा शंकर त्रिपाठी मेमोरियल स्वर्ण पदक
  • दिसंबर 2018 में बीजे की परीक्षा की टॉपर मीनू नागपाल तथा जून 2019 की बीजे परीक्षा के टॉपर जनक सिंह मीणा को करूणा शंकर त्रिपाठी मेमोरियल स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।
  • ओम प्रकाश और दीपक को पंडित लक्ष्मी नारायण जोशी स्वर्ण पदक
  • दिसंबर 2018 की पीजीडीएलएल परीक्षा के टॉपर ओम प्रकाश सैन तथा जून 2019 की पीजीडीएलएल परीक्षा के टॉपर दीपक पालीवाल को पंडित लक्ष्मी नारायण जोशी स्वर्ण पदक प्रदान किया गया।

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