“जानलेवा” क्रेशर होंगे शहरी आबादी से बाहर, लखावा के 10 और नान्ता के 8 क्रेशर शिफ्ट करने पर सहमति

जिला कलक्टर ने की क्रेशर मालिकों के साथ बैठक, पर्यावरण के लिए साबित हो रहे थे घातक

TISMedia@Kota शहर में आबादी के समीप स्थापित स्टोन क्रेसर को अन्यंत्र स्थान पर स्थापित करने के लिए जिला कलक्टर उज्ज्वल राठौड़ की अध्यक्षता में टैगोर सभागार में बैठक आयोजित की गई। जिसमें नगर विकास न्यास, खनिज, रीको, उधोग एवं वन विभाग के अधिकारी एवं स्टोन क्रेसर मालिक उपस्थित रहे।

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जिला कलेक्टर ने कहा कि शहर के नजदीक आबादी क्षेत्र में स्टोन क्रेशर स्थापित रहने से पर्यावरण प्रदूषण के साथ-साथ नागरिकों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि स्टोन क्रेशर के बिजनेस के लिहाज से भी ऐसे स्थान पर स्थापित किए जाएं जहां रॉ-मटेरियल मिल सके तथा नागरिकों की परेशानी भी नहीं रहे। उन्होंने यूआईटी द्वारा प्रस्तावित स्थानों का परीक्षण कर क्रेशर मालिकों को मौका मुआयना करने के निर्देश दिए।

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तय हुई जमीन, बनी सहमति 
बैठक में लखावा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थापित 10 स्टोन क्रेशर तथा नांता स्थापित 8 स्टोन क्रेशर को दूसरे स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए नगर विकास न्यास द्वारा बावड़ी खेड़ा में प्रस्तावित भूमि का मौका मुआयना करने की बात कही। सचिव यूआईटी राजेश जोशी ने बताया कि बावड़ी खेड़ा में यूआईटी पट्टेशुदा जमीन देगी, जिसमे क्रेशर स्थपित किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि आबादी क्षेत्र में क्रेशर होने से प्रदूषण भी बढ़ता है। बैठक में क्रेशर मालिकों ने सोमवार को अधिकारियों के साथ प्रस्तावित स्थान का निरीक्षण करने तथा नागरिकों के हित में सैद्धान्तिक रुप से दूसरे स्थान पर शिफ्ट होने में सहमति प्रदान की। इस अवसर पर डीएफओ रवि कुमार मीणा, उप सचिव यूआईटी चंदन दुबे, खनिज अभियंता, रीको, प्रदूषण नियंत्रण एवं उद्योग विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

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