अनूठा रिकॉर्ड : अंशुल ने 108 दिनों में बिछा दी कविताओं की सड़क
– 108 दिनों तक लगातार किया कविता पाठ
TISMedia@Kota. कहते है कला को किसी मंच की जरूरत नहीं होती, वो बहते पानी सी खुद-ब-खुद अपना रास्ता बना लेती है। ऐसी ही कला की बानगी दिखा रहे कोटा के कवि अंशुल माथुर। ‘सड़क कवि’ जो लगातार 108 दिनों से हर रोज एक नई कविता सुनाने का कीर्तिमान बना रहे हैं। अंशुल ने 1 फरवरी को 108 कविताएं पूरी कर कीर्तिमान रचा। स्कूल कॉलेज के दिनों से मंचों पर सक्रिय रहने वाले अंशुल वर्तमान में अहमदाबाद में स्वयं की एडवरटाइजिंग एजेंसी चलते हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई कोटा के मोदी पब्लिक स्कूल से की। इसके बाद आगे की पढ़ाई राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय से पूरी की। पढ़ाई के बाद अंशुल ने जयपुर से एमबीए किया और अहमदाबाद से डिजिटल कम्युनिकेशन की शिक्षा हासिल की। लगभग दस साल कॉर्पोरेट जगत में काम करने के बाद, उन्होंने अपना व्यापार शुरू किया।
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अंशुल कहानियों, कविताओं के प्रति रुझान शुरू से ही था। स्नातक के समय प्रोफ़ेसर सी.एल.गंगन ने उनका रुझान हिंदी के साथ साथ अंग्रेजी साहित्य की तरफ भी मोड़ा। उसके बाद धीरे धीरे कहानी यहां तक आ पहुंची। लॉकडाउन के दौरान कलां को नई दिशा देने की जरूरत महसूस हुई, तब से ही उन्होंने कुछ अलग करने की ठानी और लगातार 108 कविता पाठ कर कीर्तिमान रचा।
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हर बार कुछ नया करने की चाह रखने वाले सड़क कवि के नाम शहर को पहला ओपन माइक क्लब देने का श्रेय भी जाता है। जहाँ उन्होंने नवोदित कवियों को एक नए मंच और शहर को एक नई संस्कृति से रूबरू कराया। पृथ्वी थिएटर मुंबई के साथ अलग अलग शहरों के मंचों पर अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके अंशुल ज्यादातर समसामयिक और समाजिक मुद्दों पर लिखने का ख़ास हुनर रखते हैं। न सिर्फ कविताओं बल्कि गीतों और कहानियों पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। अंशुल बताते हैं कि कविताओं के साथ-साथ वे फिल्मों में भी भाग्य आजमाना चाहते हैं।