Kota University : Law 1st year में 100 और 2nd year के 46 स्टूडेट्स फेल

बूंदी राजकीय विधि महाविद्यालय के छात्रों ने कोटा यूनिवर्सिटी में किया प्रदर्शन

– परीक्षा परिणाम में लगाया अनियमिताओं का आरोप

TISMedia@Kota. राजकीय विधि महाविद्यालय बूंदी के छात्रों ने सोमवार दोपहर को कोटा यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन कर परीक्षा नियंत्रक का घेराव किया। छात्रों ने परीक्षा परिणाम में अनियमिताएं बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। बाद में परीक्षा नियंत्रक प्रवीण भार्गव को ज्ञापन सौंप उत्तर पुस्तिकाओं की दोबारा जांच करवाने की मांग की। छात्रसंघ महासचिव विवेक तिवारी ने बताया कि प्रथम वर्ष के प्रथम सेमेस्टर व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों के तीसरे सेमस्टर की परीक्षा जनवरी में आयोजित की गई थी। जिनका परिणाम गत तीन दिन पहले यानी शनिवार को जारी हुए। जिसमें अधिकतर स्टूडेंट्स फेल हो गए।

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100 में से मिले 2 नंबर

तिवारी ने बताया कि प्रथम वर्ष की एक छात्रा के पहले सेमेस्टर में 100 में से मात्र 2 ही नंबर आए हैं, जबकि दूसरे सेमस्टर में 87 नंबर आए। इसी तरह अनिवार्य विषय ‘सम्पति अंतरण अधिनियम’ के पेपर में कुल 63 विद्यार्थियों में से 46 स्टूडेंट्स के 30 से कम नंबर आए, जबकि 17 विद्यार्थियों के 45 से ज्यादा नंबर आए। ऐसे में प्रथम वर्ष में कुल 124 में मात्र 24 विद्यार्थी ही पास हुए हैं, जबकि, द्वितीय वर्ष में कुल 63 में से 17 स्टूडेंट्स ही पास हुए हैं। छात्रों ने बताया कि किसी भी छात्र के 30 से 45 के बीच में नंबर ही नहीं आए। ऐसे में उत्तर पुस्तिका की जांच पर सवाल उठ रहे हैं।

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परीक्षा सिर पर और रद्द कर दिया टाइम टेबल
छात्र विकास पाठक, युवराज शर्मा व पुरूषोत्तम दाधीच ने बताया कि कोटा यूनिवर्सिटी ने परीक्षा के नजदीक ही दो बार टाइम टेबल रद्द कर दिया। इससे विद्यार्थियों में परीक्षा को लेकर असमंजस्य की स्थिति बन गई। इसके अलावा परीक्षा पैटर्न में भी बदलाव किया गया। जहां गत वर्ष पांच प्रश्न तीन घंटे में हल करने होते थे और सभी प्रश्न 20 नंबर के होते थे। वहीं, इस बार कोरोना संक्रमण के चलते प्रश्नों की संख्या घटाकर 3 कर दी और समय सीमा भी 3 की जगह 2 घंटे कर दी। वहीं, दो प्रश्न 35 अंकों के और एक प्रश्न 30 अंक का कर दिया गया। ऐसे में पूरे प्रश्न करने के बावजूद परीक्षा परिणाम में असंतोषजनक नंबर आए।

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छात्र नेता हेमंत मालव ने कहा कि विश्वविद्यालय की लापरवाही से कई विद्यार्थियों का भविष्य दांव पर लग गया है। ऐसे में उत्तर पुस्तिकाओं की ठीक से दोबारा जांच करवाकर पीडि़त विद्यार्थियों को राहत पहुंचाई जाए। इस पर परीक्षा नियंत्रक प्रवीण भार्गव ने छात्रों को दोबारा जांच करवाने का भरोसा दिलाया। इस दौरान प्रदर्शन में अजय मीणा, पप्पू लाल मीणा, दिलराज मीणा, मनीष मालव, भानु प्रताप, लोकेश गुर्जर, विकास जैन, अटल मीणा, जितेंद्र कुमार सहित कई छात्र मौजूद रहे।

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