दोहरा हत्याकांड :10 साल पहले सगे भाइयों को उतारा मौत के घाट, 3 महिलाओं सहित 9 को उम्र कैद
TISMedia@Kota. अपर जिला एवं सेशन न्यायालय ने मंगलवार को 10 साल पुराने सगे भाइयों की हत्या के मामले में 9 आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। सजा पाने वालों में 3 महिलाएं भी शामिल हैं। दोषियों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। वहीं, कोर्ट ने दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। न्यायाधीश दीपक पाराशर ने 160 पेज का फैसला सुनाया है। पीडि़त पक्ष की ओर से इस केस को रेयरेस्ट ऑफ रेयर मानते हुए दोषियों के लिए फांसी की मांग की थी। केस में 30 लोगों की गवाही हुई थी। कोर्ट में फैसले के बाद दोषी फूट-फूट कर रोने लगे।
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ये था मामला
अपर लोक अभियोजक (पीडि़त पक्ष के वकील) अख्तर खान अकेला ने बताया कि दोहरा हत्याकांड 18 सितंबर 2010 का है। कोटा के रणोदिया गांव में रहने वाले जोधराज मीणा, चंद्रप्रकाश मीणा, जमना शंकर और हरिशंकर चारों भाई ट्रैक्टर से दोपहर को खेत से घर लौट रहे थे। रास्ते में गांव के ही रामप्रताप मीणा ने अपने बेटों और रिश्तेदारों के साथ हथियारों से लैस होकर घात लगाए बैठा था। मौका मिलते ही इन लोगों ने तलवारों-गंडासों से चारों भाइयों पर वार ताबड़तोड़ वार कर दिया। हमले में हरिशंकर और चंद्रप्रकाश की मौत हो गई थी। जबकि, जोधराज और जमना शंकर को चोटें आई थीं। पुलिस ने इस मामले में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया था।
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इन्हें हुई सजा
जोधराज मीणा, रामप्रताप मीणा, अशोक मीणा, पुष्पाबाई मीणा, गीताबाई मीणा, हेमलता मीणा, प्रभुलाल मीणा, योगेंद्र मीणा और पुरूषोतम मीणा को उम्र कैद की सजा हुई है। फैसले के दौरान 8 आरोपी कोर्ट में मौजूद थे। जबकि, एक आरोपी पुरुषोत्तम झालावाड़ जेल में बंद है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुरुषोत्तम को सजा सुनाई।