Kota Dussehra Mela 2022: नहीं भरेगा पशु मेला, टेंडर जारी होने के बाद भी नहीं हुए विकास कार्य

TISMedia@Kota कोटा के विश्व विख्यात दशहरा मेला पर फिर अराजकता का साया पड़ चुका है। लंपी वायरस के कारण पशु मेला के आयोजन पर रोक रहेगी। जबकि मेले को भव्य रूप देने के लिए होने वाले विकास कार्यों के टेंडर जारी होने के बावजूद अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। बावजूद इसके निगम अफसर मेले के सफल आयोजन का दावा करते नहीं अघा रहे।

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कोरोना महामारी के कारण दो साल तक कोटा के विश्व विख्यात दशहरा मेले का आयोजन रद्द करना पड़ा था। साल 2022 में सब ठीक रहा तो लोगों को उम्मीद जगी कि इस बार मेले का भव्य आयोजन किया जाएगा, लेकिन अराजकता का आलम यह है कि मेले के विकास कार्य तक समय से पूरे नहीं हो सके हैं। एक ओर जहां दाे साल बाद हाे रहे दशहरा मेले काे लेकर शहरवासी जितना उत्सुक है, दाेनाें नगर निगम उतने ही सुस्त हैं। पहले ताे इसकी तैयारियां देर से शुरू की गई और अब मेला समिति की 10 दिन में एक भी बैठक नहीं हुई।

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नहीं शुरू हो सका काम 
मेला समिति की पहली बैठक में व्यवस्थाओं के बारे में बात हुई थी। इसके बाद 10 टेंडर जारी किए गए लेकिन मैदान पर काेई काम शुरू नहीं हुआ। मेला आयाेजन के लिए दाेनाें नगर निगम के महापाैर, उपमहापाैर व पार्षदाें काे शामिल करते हुए समिति बनाई, लेकिन तैयारियां गति नहीं पकड़ पा रही हैं। अभी तक एक भी बैठक होना तो दूर उसकी प्राेसिडिंग तक जारी नहीं हुई। ऐसे में समिति सदस्य व मेले से जुड़े अधिकारी-कर्मचारी असमंजस में हैं। हालांकि मेला समिति की अध्यक्ष और महापौर मंजू मेहरा दावा करती हैं कि मेले के आयोजन से जुड़े सभी विकास कार्य समय से पूरे करा लिए जाएंगे। अगले सप्ताह मेले कमेटी की मीटिंग रखी जाएगी। पिछली मीटिंग में जाे तय हुआ था, उस पर काम कर रहे हैं।

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नहीं भरा जाएगा पशु मेला 
कोटा के दशहरा मेला की जान पशु मेले में बसती है। हाड़ौती ही नहीं दूर-दूर से पशु व्यापारी और पशुपालक अच्छी नश्ल के पशुओं की खरीदारी के लिए मेले में आते हैं, लेकिन इस बार पशु मेला नहीं भरे जाने की खबरों से उनमें मायूसी छा गई है। राजस्थान के 24 से अधिक जिलों में लंपी वायरस फैलने के कारण राज्य सरकार ने पशु मेलों और पशु हाट पर रोक लगा दी है। इस बारे में शासन सचिव पशुपालन ने आदेश जारी किए हैं। साथ ही संक्रमित पशु वाले जिलों से कोटा में पशु नहीं ला सकेंगे। पशुपालन निदेशालय कोटा जिले में संक्रमण से बचाने के लिए दस लाख की दवा भेज रहा है। पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ. सीएल मीणा ने बताया कि लंपी वायरस से पशुओं को बचाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। संक्रमण वाले क्षेत्रों से कोटा में पशु लाने पर रोक लगा दी है।

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