भगवान से मिलना है तो पहले थाने जाओ… 544 दिन बाद दर्शन देंगे मथुराधीश

19 मार्च 2020 से भक्तों के लिए बंद हैं मथुराधीश मंदिर के कपाट

  • रोजाना सिर्फ 100 लोग ही कर सकेंगे दर्शन, कैथूनीपोल थाने से मिलेगा पास
  • भगवान से मिलने के लिए भक्तों को दिखाना होगा आधार कार्ड और वैक्सीन सर्टिफिकेट

TISMedia@Kota भगवान के दर्शन करने के लिए कोटा के लोगों को पहले थाने जाना होगा। वहां जाकर आधार कार्ड और कोविड वैक्सीन का सर्टिफिकेट दिखाना होगा। तब कहीं जाकर उन्हें अपने आराध्य से मिलने की इजाजत दी जाएगी। माफ कीजिएगा, यहां एक और झोल है… वो यह कि एक दिन में सिर्फ 100 लोगों को ही दर्शन की इजाजत होगी। आपका नंबर इसके बाद आया तो अगले दिन फिर थाने-चौकी के चक्कर काटिए।

अब आप सोच रहे होंगे कि भगवान और भक्त के बीच पुलिस का क्या काम? जनाब आप एकदम सही हैं, लेकिन यह तुगलकी फरमान किसी और ने नहीं बल्कि, मंदिर प्रशासन ने खुद ही जारी किया है। एक ओर जहां देश भर के मंदिरों में महीनों से बिना किसी रोक-टोक भगवान के दर्शन शुरू हो चुके हैं, वहीं दूसरी ओर कोटा में शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीमथुराधीश प्रभु के दर्शन 15 सितंबर से होंगे। कोविड-19 की पहली लहर में लगाए गए लॉकडाउन से ही कोटा के शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्रीमथुराधीश प्रभु के मंदिर के पट बंद हैं। 19 मार्च 2020 से ही इस मंदिर में भक्तों के आने पर पाबंदी लगी हुई है। सिर्फ मंदिर में सिर्फ पुजारियों को ही सेवा पूजा की इजाजत थी।

15 सितंबर से होंगे दर्शन 
पूरे 544 दिनों के बाद 15 सितंबर को मथुराधीश मंदिर के कपाट खुलेंगे। लेकिन, इसका मतलब यह नहीं कि आप सीधे अपने आराध्य के दर्शन करने पहुंच जाएं। दर्शन के लिए पहले आपको प्रवेश पत्र लेना होगा। जिसका जिसका वितरण मंदिर से नहीं, बल्कि कैथूनीपोल थाने से किया जाएगा। सोमवार सुबह 8 बजे से प्रवेश पत्र वितरण शुरू होगा। प्रवेश पत्र हासिल करने के लिए आधार कार्ड और कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगे होने का प्रमाणपत्र साथ लेकर जाएं। इसके बाद ही आप दर्शन के लिए योग्य माने जाएंगे।

सिर्फ संध्या आरती में हो सकेंगे शामिल 
मंदिर के प्रबंधक चेतन सेठ ने बताया कि मथुराधीश मन्दिर के पट बुधवार से खुलेंगे। दर्शनों के दौरान सभी सुरक्षा नियमों का पालन करना जरूरी होगा। सभी भक्त मास्क व आवश्यक दूरी के नियम का अनुपालन करते हुए दर्शन करेंगे। एक दिन में केवल 100 दर्शनार्थियों को ही संध्या आरती में शामिल होने की इजाजत मिलेगी। वहीं एक बार दर्शन कर लेने के बाद सप्ताह भर बाद ही दूसरी बार दर्शन हो सकेंगे। गोस्वामी मिलन कुमार ने बताया कि पुष्टिमार्ग में प्रभु के सामने कैमरा ले जाने की परंपरा नहीं है, इसीलिए ऑनलाइन या वर्चुअल किसी भी प्रकार के अन्य दर्शन नहीं कराए जा सकते हैं। प्रभु के सभी दर्शन खोलने के लिए परिस्थितियों का आंकलन करके ही निर्णय किया जाएगा।

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