किसान आंदोलन की जड़ खोद रही ऐसे कांग्रेसियों की बयानबाजी
– किसानों के समर्थन में सड़कों पर उतरे कांग्रेस कार्यकर्ता
– कलक्ट्री पर दिया धरना, केंद्र सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
TISMedia@Kota. नए कृषि कानूनों की मुखालफत कर रहे किसानों का आंदोलन बेवजह ही विवादों में नहीं घिरा। इसके लिए जिम्मेदार हैं यूथ कांग्रेस के दर्शन सिंह जैसे नेता जो इस आंदोलन की आड़ में मोदी सरकार को घेरने के लिए भाषा की सीमा तक भूल जाते हैं। नतीजन, एक गैर राजनीतिक आंदोलन राजनीति का शिकारा हो चला है। यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव कोटा आए तो किसानों के समर्थन में दिए जा रहे धरने में शामिल होने के लिए थे, लेकिन किसानों का हित कैसे साधा जा सकता है यह बताने के बजाय पूरे समय उनका फोकस प्रधानमंत्री मोदी और उनके नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को कोसने में ही गुजरा। सिंह, इतने उत्तेजित हो गए कि वह भाषाई सीमा भूल मोदी सरकार की तुलना एक बेकाबू सांड़ तक से कर बैठे।
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शनिवार को कलक्ट्री के बाहर धरना-प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने में यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव व राजस्थान सह प्रभारी मीथेनदर दर्शन सिंह भी शामिल हुए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि बेकाबू सांड को काबू करना किसान को ही आता है। केंद्र सरकार भी सांड की तरह बेकाबू हो गई है, जिसे काबू करने के लिए किसान मैदान में उतरा है। सरकार अपनी जिद्द पर अड़ी है तो किसान भी जिद्द पर अड़ा है। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी के बाद यूथ कांग्रेस नई रणनीति तय करेंगे।
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जिला यूथ कांग्रेस की ओर से आयोजित इस धरने में रैलियों के रूप में कार्यकर्ता धरना स्थल पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। बाद में राज्यपाल के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंप तीनों कृषि कानून रद्द करने की मांग की। धरने-प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइड लाइन की पालना नजर नहीं आई। यहां कई पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने मास्क नहीं लगाया हुआ था।