मकर संक्रांति 2021 : रंग-बिरंगी पतंगों से सजा आसमान, पतंगबाजों ने दिखाया का हुनर, दिनभर गूंजा ‘वो काटा’ का शोर
TISMedia@Kota. सुबह क्या हुई, बच्चों की मानो लॉटरी ही लग गई। आंखें मिचमिचाते हुए उठे और छत पर जा टंगे। आसमान साफ, लेकिन उमंग-और उत्साह अपार। बच्चों का तो सुबह से ही पतंगें उड़ाना शुरू हो गया। जैसे-जैसे सूरज चढ़ता गया छतों पर बच्चों व युवाओं की पलटनों का पहुंचना भी शुरू हो गया। देखते ही देखते आसमान में पतंगों ने इठलाना शुरू कर दिया। दोपहर होने तक परिवार के लोग भी छतों पर पहुंच गए। युवाओं की टोलियां भी छतों पर साउंड सिस्टम लगाकर डट गईं। फिर क्या था, शुरू हो गया हो-हल्ला। आसमान पतंगों से अट गया। दिनभर ये काटा-वो काटा का शोर शुरू हो गया। किसी की पतंग क्या काटी, मानो जहां जीत लिया। क्या बच्चे-क्या बूढ़े, सब ने आसमान में पतंगबाजी का हुनर दिखाया। वहीं, युवतियों व महिलाओं ने भी तुनकियों से पतंगों को खूब नचाया। शाम तक छतों पर पूरा शहर नजर आया।
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मकर संक्रांति पर गुरुवार को सुबह से शाम तक कुछ ऐसा ही नजारा रहा। दरअसल, कोरोनाकाल में लॉकडाउन के साथ वर्ष 2020 की विदाई के बाद यह पहला ऐसा अवसर है, जब लोगों ने सार्वजनिक रूप से अपनों के बीच खुशियों का इजहार किया। आसमान रंग-बिरंगी पतंगों से अटा रहा। किसी के हाथ में चकरी तो किसी के हाथ डोर… तो कोई उड़ती पतंगों की ओर निगाहें जमाए बैठा था। लोगों ने पतंगबाजी का जमकर लुत्फ उठाया। छतों के अलावा, सड़क और मैदान में भी पतंगबाज जमे थे। यहां भी लोगों ने खूब पतंगें उड़ाई।
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रात को उड़े लालटेन
इस दौरान गुड़, तिल, कचौरी-पकौड़ी, चाय का दौर चलता रहा। बच्चों ने तो खाना भी छतों पर ही खाया। आसमां में पतंगें इठलाती-लहराती रहीं और लोग आनन्द उठाते रहे। छत व मैदानों जहां पतंग उड़ाने वालों का हुजूम जमा था, तो सड़क-गलियों में पतंगों के लुटेरों में भी जमकर जोश था। रात को कई जगहों पर लालटेन जगमगाए। हवा संग आसमान में उड़े लालटेन पर जैसे ही लोगों की नजरें पड़ती तो टकटकी लगाए देखते। लालटेन के उडऩे पर बच्चे बड़ों से सवाल कर अपनी जिज्ञासा शांत करते।
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पूजा पाठ और दानपुण्य
मकर संक्रांति के पुण्य काल में लोगों ने सुबह जमकर दानपुण्य किए। गायों को चारा डाला, कंबल व ऊनी वस्त्र बांटे। ग्रहिणियों ने सुहाग के प्रतीक व अन्य उपहार भेंट किए। कई महिलाओं ने विशेष संकल्पों को पूरा किया तो किसी ने नए संकल्प भी लिए।
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बहन-बेटियों की हुई मनुहार
मकर संक्रांति पर बहन-बेटियों की भी जमकर मनुहार हुई। लोगों ने बहन-बेटियों को भोजन पर बुलाया। पुए पकौड़ी, तिल पट्टी व अन्य पकवान परोसे। परिवार के लोगों ने मिलकर भोजन किया।
बाजारों में रही भीड़
मकर संक्रांति पर बाजारों में रौनक रही। मांझे-पतंगों की दुकानों पर लोगों की भीड़ जमा थी। बच्चे, युवा अपनी पसंद के अनुसार पतंग खरीद रहे थे। दुकानदार भी दिनभर व्यस्त रहे।