अराजकता : टीका लगा नहीं और चिकित्सा विभाग ने जारी कर दिया सर्टिफिकेट

TISMedia@Kota. कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के तहत कोटा में चिकित्सा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां एक बुजुर्ग दम्पति को बिना टीका लगे ही ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी कर दिया। अब पीडि़त दंपती वैक्सीन लगवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। मामले का खुलासा हुआ तो चिकित्सा विभाग में हड़कम्प मच गया। विभाग ने अपनी गलती सुधारने के बजाए लापरवाही का ठिकरा बुजुर्ग दम्पति पर ही फोड़ डाला। विभाग ने सफाई दी कि रजिस्ट्रेशन के दौरान लाभार्थी द्वारा गलत बटन दबाने से बिना वैक्सीन लगे ही सर्टिफिकेट जारी हुआ है।

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जंक्शन स्थित जेपी कॉलोनी निवासी इंद्र मिश्रा ने बताया कि उसके पिता रमेशचन्द्र मिश्रा (79) रेलवे से रिटायर्ड हैं। 2 मार्च को पिता रमेशचन्द्र और मां महादेवी मिश्रा (72) को वैक्सीनेशन के लिए रेलवे अस्पताल में सम्पर्क किया था। अस्पताल में मौजूद कार्मिक ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करवाकर आने की सलाह दी। इस पर मैने 5 मार्च को CO-WIN की साइड पर जाकर माता-पिता के टीकाकरण का रजिस्ट्रेशन किया। इस पर टीकाकरण की 30 मार्च की तारीख मिली।

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इंद्र ने 5 मार्च को CO-WIN की साइट पर जाकर रीशेड्यूल किया, तो 6 मार्च को भदाना पीएचसी के लिए सेशन साइट एड्रेस मिला। 6 मार्च को भदाना पीएचसी पर वैक्सीन के लिए सेशन साइट नहीं थी। उन्होंने 6 मार्च को फिर से https://selfregistration.cowin.gov.in/ की साइट पर जाकर रीशेड्यूल किया तो भीमगंजमंडी सीएचसी पर 8 मार्च की तारीख मिली। 8 मार्च को बुजुर्ग दम्पति टीकाकरण के लिए भीमगंजमंडी सीएचसी नहीं पहुंच पाए।

ऐसे में इंद्र ने आज यानी मंगलवार को फिर से CO-WIN की साइट पर जाकर रीशेड्यूल किया तो उनके माता पिता के वैक्सीन की पहली डोज (कोवीशील्ड) कम्प्लीट होने का 8 मार्च की तारीख में ऑनलाइन सर्टिफिकेट जेनरेट हो चुका था। सर्टिफिकेट में वैक्सीनेटर का नाम रीना मीना लिखा हुआ है। साथ ही वैक्सीन की दूसरी डोज लेने का टाइम पीरियड भी लिखा हुआ है।

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नहीं हुई किसी भी तरह की चूक
इंद्र मिश्रा का कहना है रजिस्ट्रेशन के दौरान किसी भी तरह की चूक नहीं हुई और न ही कोई गलत बटन दबा है। यदि ऐसा होता तो अब तक कई लोगों से साथ ऐसा मामला होता।CO-WIN की साइट पर रीशेड्यूल में आधार कार्ड, मोबाइल नम्बर मांगे थे। अपलोड करने के बाद ओटीपी जेनरेट हुआ। फिर आधार व उम्र संबंधित जानकारी मांगी गई, जिसको अपलोड किया। इसके अलावा कोई अन्य ऑप्शन नहीं आया। ऐसे में सर्टिफिकेट कैसे जारी हो सकता है।

सीएमएचओ डॉ. बीएस तंवर का कहना है कि अभी तक पीडि़त की ओर से शिकायत नहीं की गई है। मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है। लाभार्थी ने रजिस्ट्रेशन के दौरान CO-WIN की साइट पर आगे प्रोसीड कर दिया। इसमें चिकित्सा विभाग की गलती नहीं है। ये हमारे द्वारा नहीं हुआ है।

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