कोटा निगम चुनाव: बागी हुए बेकाबू, सियासी सूरमाओं के माथे पर पड़ा बल

-पार्टियों ने दिखाया बाहर का रास्ता

कोटा. नगर निगम चुनाव में टिकट वितरण के साथ शुरू हुई बगावत थमने का नाम नहीं ले रही। भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही दलों को इससे खासा जूझना पड़ रहा है। आलम यह है कि दोनों ही दलों के दिग्गज नेता बागियों की मनुहार करने में जुटे हैं। लेकिन, कई साल तक पार्टी के लिए खून पसीना बहाने के बाद भी टिकट न मिलने से नाराज यह कार्यकर्ता किसी की सुनने को राजी नहीं। नतीजन, अब कांगे्रस और भाजपा बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने में जुट गए हैं।

भाजपा ने किया 21 को बाहर
भाजपा ने पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के करीबी पूर्व पार्षद ओम गुंजल सहित 21 कार्यकर्ताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया है।
वहीं, भाजपा ने अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बगावत कर चुनाव लडऩे वाले कोटा उत्तर की प्रभारी व विधायक किरण माहेश्वरी ने बताया कि कोटा दक्षिण में 13 तथा कोटा उत्तर निगम में 8 बागियों को पार्टी से छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी ने बताया कि अभी तक पार्टी ने बगावत कर रहे 21 बागियों को बाहर का रास्ता दिखाया है। साथ ही कुछ कार्यकर्ताओं को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है कि यदि इस अवधि में भी प्रत्याशी को समर्थन नहीं देंगे तो उन्हें भी पार्टी से बेदखल कर कर दिया जाएगा।

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जो अस्पताल में भर्ती उसे भी कर दिया था बाहर
बगावत कर चुनाव लडऩे वाले बागियों से भाजपा नेता इस कदर परेशान हो गए कि उन्हें सबक सिखाने के लिए कड़ा रास्ता अपना लिया। लेकिन, बिना सत्यापन किए ही शुक्रवार को 22 बागियों को निष्काशित करने की सूची जारी कर दी। जबकि, इनमें से एक महिला कार्यकर्ता चुनावी सरगर्मियों से दूर अस्पताल में भर्ती अपना इलाज करवा रही है। बाद में कार्यकर्ताओं ने जमीनी हकीकत से वाकिफ कराया तो पार्टी ने निष्काशित बागियों की सूची में संशोधन कर महिला कार्यकर्ता का नाम हटाया। ऐसे में अब निष्काशित होने वाले बागियों की सूची में 22 की जगह 21 नाम रह गए हैं।

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कांगे्रस में सिर्फ एक बागी निष्काशित, बाकी को हिदायत

कांगे्रस अभी तक एक ही बागी पूर्व पार्षद मोहम्मद हुसैन को ही पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने की हिम्मत जुटा सकी है। जबकि, करीब तीन दर्जन से ज्यादा वरिष्ठ कार्यकर्ता बगावत पर उतारू हैं। इस बाबत जब कांग्रेस जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें बागी कार्यकर्ताओं की हर गतिविधियों की जानकारी है। इन्हें चिन्हित भी कर लिया गया है। लेकिन, इनके काम और पार्टी के प्रति समर्पण को देखते हुए अभी 24 घंटे की हिदायत दी गई है, यदि वह इसके बाद भी बगावत करते हैं तो उन्हें भी पार्टी से बाहर कर दिया जाएगा। हालांकि कांगे्रस से जुडे सूत्रों के मुताबिक प्रदेश की सत्ता में काबिज कांगे्रस अब भी बागियों के खिलाफ सीधी कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही। क्योंकि, उसे डर है कि कहीं निगम चुनाव में इसका बड़ा खामियाजा न भुगतना पड़े।

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