योगी का नया वारः 2 से ज्यादा बच्चे पैदा किए तो नहीं मिलेगा इन 77 सरकारी सुविधाओं का लाभ

उत्तर प्रदेश सरकार ने बेकाबू होती आबादी की लगाम कसने को बनाया जनसंख्या विधेयक 2021

  • उत्तर प्रदेश विधि आयोग ने तैयार किया है ड्राफ्ट, अंतिम रूप दे राज्यपाल को सौंपने की तैयारी 
  • 19 जुलाई तक जनता से मांगी राय, यूपी सरकार ने वेबसाइट पर अपलोड किया जनसंख्या विधेयक 

TIS Media@Lucknow बेकाबू आबादी की लगाम कसने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार बहुत बड़ा कदम उठाने जा रही है। उत्तर प्रदेश में अब दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वालों को 77 तरह की सरकारी सुविधाओं से हाथ धोना पड़ेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 11 जुलाई को उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति (New Population Policy) 2021-30 जारी कर देंगे। राज्य विधि आयोग तेजी से इस नए कानून को अंतिम रूप देने में जुटा है। 

विधि आयोग ने उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति का बाकायदा ड्राफ्ट तैयार कर प्रदेश सरकार की ऑफीशियल वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। जनता की भागेदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने 19 जुलाई तक ड्राफ्ट पर आपत्तियां और सुझाव मांगे हैं। सूत्रों के मुताबिक 11 जुलाई को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नई जनसंख्या नीति को लागू कर देंगे। हालांकि आयोग का दावा है कि नई जनसंख्या नीति का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए उन्हें कोई सरकारी आदेश नहीं  दिया गया है। आयोग ने खुद की प्रेरणा से ही इस ड्राफ्ट को तैयार कर रहा है। सबकुछ ठीक रहा और योगी सरकार ने आबादी पर लगाम कसने के इस कानून को लागू कर दिया तो एक साल के भीतर ही सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ-साथ स्थानीय निकाय में चुने गए जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना होगा कि वह इस नए कानून की पूरी पालना करेंगे।

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नहीं लड़ सकेंगे चुनाव 
उत्तर प्रदेश विधि आयोग की ओर से सरकारी वेबसाइट पर अपलोड किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक नए कानून का सबसे बड़ा वार यूपी की सियासत पर होने वाला है। आयोग की ओर से जारी किए गए ड्राफ्ट के मुताबित प्रदेश में नई जनसंख्या नीति लागू होते ही दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले राजनेता किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इतना ही नहीं सभी जनप्रतिनिधियों को बकायदा शपथ पत्र देना होगा कि उनके दो ही बच्चे हैं। अगर वह तीसरी संतान पैदा करते हैं तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द कर दिया जाएगा। इस नियम को लेकर उत्तर प्रदेश के सियासी हलकों में खासा बवाल मचा हुआ है और एक वर्ग विशेष इसे उन पर नियंत्रण करने की कोशिश करार देने में जुटा है।

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नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी 
उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट के मुताबिक दो या दो से कम बच्चों वाले अभिभावकों को सरकार की ओर से तमाम सुविधा दी जा रही है। जबकि, अधिक बच्चे वाले अभिभावकों को कई सुविधाओं से वंचित करने का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक, दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने वाले माता-पिता सरकारी नौकरी करने की बात तो छोड़िए इसके लिए आवेदन तक नहीं कर पाएंगे। इतना ही नहीं उन्हें सरकारी नौकरी में प्रमोशन का मौका भी नहीं मिलेगा। इसके साथ ही सरकार की ओर से दी जा रही 77 तरह की सरकारी योजनाओं और अनुदान का लाभ भी नहीं मिलेगा। ड्राफ्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में राशन कार्ड तक बदल जाएगा। कानून लागू होने के बाद राशन कार्ड पर सिर्फ चार सदस्यों का ही नाम होगा और इससे ज्यादा सदस्य होने पर उन्हें किसी भी तरह की सरकारी सब्सिडी नहीं दी जाएगी।

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इकलौती संतान को मिलेगा प्रोत्साहन 
उत्तर प्रदेश की नई जनसंख्या नीति के ड्राफ्ट में जहां एक ओर दो से अधिक बच्चे पैदा करने वाले माता पिता खासे हतोत्साहित होंगे। इसके उलट सरकार इकलौती संतान को खासा प्रोत्साहित करने की तैयारी कर रही है। ड्राफ्ट के मुताबिक जिन दंपतियों की सिर्फ एक संतान होगी और वह अपने मन से नसबंदी करवा लेंगे तो उन्हें स्पेशल कैटेगरी में रखा जाएगा। इस कैटेगरी के बच्चे को 20 साल तक  सरकार मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा के साथ ही मुफ्त बीमा कवरेज भी देगी। इतना ही नहीं आईआईएम और एम्स सहित सभी शिक्षण संस्थानों के दाखिलों में भी इकलौती संतान को वरीयता दी जाएगी। इसके साथ ही ऐसे बच्चों को ग्रेजुएशन तक फ्री एजुकेशन दी जाएगी। यदि इकलौती संतान लड़की होती तो उसे हायर एजुकेशन में प्राथमिकता से निशुल्क शिक्षा देने के साथ ही छात्रवृत्ति और सरकारी नौकरियों में वरीयता भी दी जाएगी।

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कानून मानने वालों की पौ-बारह 
ड्राफ्ट के मुताबिक दो बच्चे की पैदायश के मानदंड का पालन करने वाले सरकारी कर्मचारियों को अतिरिक्त रूप से पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, पूरे वेतन एवं भत्ते के साथ 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश, मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल सुविधा और जीवनसाथी को बीमा कवरेज मिलेगा। एक बच्चे वाले कर्मचारी को चार अतिरिक्त इंक्रीमेंट दिए जाएंगे। दो बच्चों वाले माता-पिता अगर सरकारी नौकरी नहीं करते हैं तो उन्हें बिजली-पानी, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट समेत कई अन्य सुविधाएं देने का भी प्रस्ताव है। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले दंपति यदि एक ही बच्चा पैदा करते हैं और खुद की मर्जी से नसबंदी करवा लेते हैं तो सरकार उन्हें एकमुश्त 80,000 रुपये की राशि देगी।

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